पापमोचनी एकादशी 2025: महत्व, व्रत विधि और पौराणिक कथा
तिथि: मंगलवार, 25 मार्च 2025
🕑 पारण समय: 26 मार्च 2025 को दोपहर 1:41 बजे से 4:08 बजे तक
📌 पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापमोचनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि के लिए किया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आती है और होली व चैत्र नवरात्रि के बीच पड़ती है।
"पाप" का अर्थ है अशुभ कर्म और "मोचनी" का अर्थ है मुक्ति। इसलिए, इस दिन व्रत करने से व्यक्ति अपने पूर्व जन्म और वर्तमान जीवन के पापों से मुक्त हो सकता है।
📖 पौराणिक कथा: ऋषि मेधावी और अप्सरा मंजुघोषा
प्राचीन काल में चित्ररथ वन में महर्षि मेधावी अपने पिता महर्षि च्यवन के निर्देशानुसार घोर तपस्या कर रहे थे। एक दिन देवराज इंद्र ने अपनी अप्सराओं और गंधर्वों के साथ वहां आगमन किया। उनके साथ मंजुघोषा नामक एक सुंदर अप्सरा भी थी।
मंजुघोषा ने महर्षि को मोहित करने के लिए नृत्य और संगीत का सहारा लिया। उनकी तपस्या भंग हो गई, और वह अप्सरा के प्रेम में पड़ गए। इस प्रेमलीला में कई वर्ष बीत गए, लेकिन ऋषि को इसका आभास नहीं हुआ।
जब मंजुघोषा ने विदा लेने की इच्छा प्रकट की, तब महर्षि को अपनी तपस्या भंग होने का अहसास हुआ। उन्हें अपना अपराध बोध हुआ और वे अपने पिता के पास गए।
महर्षि च्यवन ने उन्हें पापमोचनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। ऋषि मेधावी ने पूर्ण भक्ति के साथ यह व्रत रखा, जिसके प्रभाव से उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ।
🛕 व्रत विधि (Puja Vidhi)
1️⃣ व्रत की तैयारी
एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और संकल्प लें।
2️⃣ पूजा विधि
भगवान विष्णु को तुलसी, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम और भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करें।
पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें।
भजन-कीर्तन करें और भगवान विष्णु की आरती उतारें।
3️⃣ व्रत के नियम
पूरे दिन सात्त्विक आहार ग्रहण करें या निर्जला उपवास करें।
मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन वर्जित है।
ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करें।
किसी भी प्रकार के झूठ, छल-कपट और क्रोध से बचें।
4️⃣ पारण (व्रत खोलने का समय)
अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
पहले ब्रह्मण या गरीब को भोजन कराएं, फिर स्वयं भोजन करें।
🌟 पापमोचनी एकादशी के लाभ
✅ पूर्व जन्म और वर्तमान जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है।
✅ मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
✅ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
✅ परिवार में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
✅ व्यक्ति को मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति होती है।
🔔 निष्कर्ष
पापमोचनी एकादशी केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का दिव्य अवसर है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी कष्टों का नाश होता है और जीवन में शांति और उन्नति आती है। यदि आप भी अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस पावन व्रत का पालन अवश्य करें।
🌿 "पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति के लिए पापमोचनी एकादशी का व्रत अवश्य करें!" 🙏